द फॉलोअप डेस्क
देश की दो बड़ी परीक्षाओं में कथित धांधली के बाद राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन के बीच शिक्षा मंत्रालय एक्शन मोड में आ गई है। शिक्षा मंत्रालय ने एनडीए की परिक्षाओं में गड़बड़ी रोकना और पारदर्शिता लाने के लिए एक टीम का गठन किया है। टीम में कुल 7 लोग शामिल हैं। इस टीम को ISRO के पूर्व चेयरमैन और IIT कानपुर के पूर्व डायरेक्टर के. राधाकृष्णन लीड करेंगे। यह कमेटी 2 महीने में शिक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की थी घोषणा
NEET एग्जाम विवाद पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 20 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की थी। शिक्षामंत्री ने कहा था कि ये कमेटी NTA के स्ट्रक्चर, फंक्शनिंग, एग्जाम प्रोसेस, ट्रांसपेरेंसी, ट्रांसफर और डेटा, सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को और इम्प्रूव करने के लिए शिक्षा मंत्रालय को सुझाव देगी। बता दें कि बीते NTA ने 9 दिन में एनडीए ने 2 एग्जाम कैंसिल किए हैं। वहीं एक परीक्षा विवादों में हैं। अब पेपर लीक कैसे रोका जाए? कैसे सुधार हो,? क्या सुधार हो? इन सभी तरह के सुझाव ये टीम शिक्षा मंत्रालय को देगी।
कमेटी में कौन-कौन
चेयरमैंन
डॉ रणदीप गुलेरिया-AIIMS डायरेक्टर
मेंबर
प्रोफेसर रामामूर्ति के- रिटायर्ड प्रोफेसर,IIT मद्रास, प्रोफेसर बी जे राव VC - सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद, पंकज बंसल को-फाउंडर- पीपुल स्ट्रॉन्ग; मेंबर, कर्मयोगी भारत,,प्रोफेसर आदित्य-मित्तल स्टूडेंट अफेयर्स डीन, IT दिल्ली, गोविंद जैसवाल- जॉइंट सेक्रेटरी, शिक्षा मंत्रालय